Railway भर्ती का पूरा नियम बदला रेलवे नयी भर्ती परीक्षा-2025
दोस्तों रेलवे नई भर्ती 2025 को लेकर के मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे की तरफ से एक नया आर्डर लेटर है जो कि जारी कर दिया गया है और देखिए रेलवे की जो भर्ती होती है जीडीसी एलडीसी स्पेशल प्रमोशनल कोटे सारी तरह की भर्ती का दोस्तों पूरा का पूरा नियम ही इन्होंने बदल दिया है।
और अब कैसे यहां पे रेलवे में भर्तियां होंगी खास करके जो जीडीसी एलडीसी और बाकी सारे स्पेशल प्रमोशनल कोटे के भर्ती होते हैं उसमें तो देखते हैं क्या-क्या नोटिस और क्या-क्या अपडेट और क्या-क्या नए नियमावली यहां पे आए हैं। देखिए फ्रेंड्स यह रही ऑर्डर लेटर जो कि आरबी नंबर है। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे रेलवे बोर्ड 265.225 के डेट में यह जारी कर दिया गया है। बिल्कुल नई यहां पे ऑर्डर है।
देखिए द जनरल मैनेजर ऑल जोन रेलवे प्रोडक्शन यूनिट सारे जोन के जीएम और यहां पे जो प्रोडक्शन यूनिट के जीएम है सबको ये ऑर्डर भेज दिया गया है। सब्जेक्ट देखिए होल्डिंग ऑफ कंप्यूटर बेस्ड रिटेन एग्जामिनेशन फॉर डिपार्टमेंटल प्रमोशंस। यानी दोस्तों जो जीडीसीई की भर्ती के तहत यहां पर रेलवे जो रिक्रूटमेंट कराती है एलडीसी ई कोटे के तहत जो भर्तियां रेलवे कराती है। इसके बाद स्पेशल प्रमोशनल कोटे के तहत जो भर्तियां कराती है काफी तरह की भर्तियां रेलवे के अंतर्गत निकलती है इंटरनल वाली ठीक है उसमें जो रोक लगा दिया गया था ।
दोस्तों सीबीटी एग्जाम के ऊपर जैसे कि आपको पता है कि काफी सारा धांधली का मामला आया था कई सारे 26 रेल्वे के अधिकारी हैं जो पकड़े गए थे सीबीआई के हाथों चढ़ गए थे और इसलिए रेलवे को भी लगा था कि बहुत बड़ी धांधली यहां पे हो रही है पेपर में इसीलिए तत्काल प्रभाव से सारे के सारे जीडीसी एलडीसी जो प्रमोशनल कोटे के पेपर थे उनको रद्द किया गया था और इसके बाद कुछ जगह पे दोस्तों उसको चालू भी किया गया था लेकिन मैक्सिमम एग्जाम को यहां पे होल्ड पे रख दिया गया था। तो उसी के मामले में एक कड़ा एक तरह से देखा जाए तो नियमावली निकाला गया है।
गाइडलाइंस निकाला गया है। अब इस चीज को हम लोग समझते हैं। देखिए इंस्ट्रक्शंस हैड बीन इशूड एक इंस्ट्रक्शंस जारी किया गया था। यहां पे जीडीसी एलडीसी जो डिपार्टमेंटल कोटा की पेपर होती है वो सब एग्जाम कराने के लिए कि सीबीटी यहां पे पेपर है जो कि कंडक्ट यहां कराया जाएंगे।
ठीक है? इसके बारे में यहां पे बाद में हम लोग जानेंगे व्हिच हैव नॉट बीन फाइनलाइज और अप्रूव्ड बाय 4.325 और ये भी बोला गया था कि जो 4.3.225 तक अप्रूव नहीं हुआ है उसके लिए एक और नया आर्डर जारी किया गया था कि उसको अभी होल्ड पे रखा जाए।उसको प्रक्रिया में नहीं लाया जाए। उसको कैंसिल किया जाए।
ए कमिटी वाज कंस्टीट्यूटेड बाय रेलवे बोर्ड टू गिव ए होलिस्टिक रिकमेंडेशन ऑन द स्ट्रीमिंग ऑफ प्रमोशनल एग्जामिनेशन थ्रू कंप्यूटर बेस टेस्ट। एक यहां पे देखिए कमेटी का गठन किया गया था इसकी जांच पड़ताल करने के लिए कि कहां पे चूक हो रही है। कहां धांधली हो रही है, किस तरह से इससे निजात मिलेगी यह सब चीजों के लिए। अब यहां पे कमेटी का जो रिकमेंडेशन है वो आ चुका है।
ठीक है? यहां पे बोला गया है द फॉलोविंग इंस्ट्रक्शंस आर इशूड फॉर होल्डिंग द डिपार्टमेंटल सिलेक्शंस इन सीबीटी मोड थ्रू एन एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी। यानी अब जो आपका पेपर कंडक्ट होगा दोस्तों वो एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी के थ्रू यहां पे होगा। पहले रेलवे क्या करती थी? जो यहां पर जीडीसीई कोटे की भर्ती रहती थी। एलडीसीई कोटे की भर्ती रहती थी। इसका जो पूरा कार्यभार दे दिया जाता था। वो डिवीजन को दे दिया जाता था। वो जोनल रेलवे को दे दिया जाता था कि आप लोग ही कराइए भर्ती। अब ये लोग अपने सिरे से एक बॉडी का गठन कर देते थे। उसमें कुछ लोग रहते थे। यही लोग पेपर बनाते थे। पे
पर लीक हो जाती थी पूरी तरह से क्योंकि पैसे जो दे रहे हैं उनको पेपर मिल जाता था और यहां पे वो पास हो गए और जो बच्चे जेन्युइन है जो पैसे नहीं दिए उनका सिलेक्शन नहीं हो पाता था। ऐसे बहुतों केस आए थे काफी सारे ज़ोंस काफी सारे डिवीजन में तब जाकर के ये फैसला अंत में रेलवे को लेना पड़ा है।
ठीक है? तो अब ये सब चीजों को कर दिया खत्म रेलवे ने। अब यहां पे सीधे बोला कि एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी का चयन होगा जैसे आरआरबी पेपर कराती है। टीसीएस को यहां पे सिलेलेक्ट करती है। बाकी जो एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी है वो सिलेक्ट होते हैं और वह पेपर कंडक्ट कराते हैं। तो अब इस बेसिस पे आपका सीबीटी का पेपर होगा।
देखिए ईसीए विल बी इंगेज्ड बाय रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड। द डिटेल्स ऑफ द सेम विल बी इशूड इन ड्यू कोर्स बाय ईआरआरबी। यानी जो एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी होगा वो यहां पे जोनल रेलवे डिसाइड नहीं करेगी। या फिर जो डिवीज़न है वो डिसाइड नहीं करेगा।
ये भी जिम्मा दे दिया है किसको? अब आरआरबी को। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड ही यहां पे जो जीडीसी की भर्ती एलडीसी कोटे की भर्ती जो डिपार्टमेंटल वाली होती है। जैसे आप ग्रुप डी में चले गए। टेक्नीशियन पे चले गए। आपको मर्जी है जेई बनने का, स्टेशन मास्टर बनने का, एक-दो साल के अंतर्गत पेपर देकर के जीडीसी एलडीसी की। तो वो सब वाली भर्ती की यहां पे बात हो रही है इंटरनल वाली। ठीक है? तो अब उस भर्ती में भी पूरा आरआरबी हस्तक्षेप करने जा रही है। यानी जोनल रेलवे का पावर है जो खत्म कर दिया गया और ईसीए का चयन भी आरआरबी ही कंडक्ट कराएगी।
ठीक है? और इसके बारे में बाद में बता दिया जाएगा। सारा कुछ नियमावली ये बोल दिया गया है। द कंप्यूटर बेस्ड सीबीटी मे बी कंडक्टेड एट जोनल यूनिट लेवल बाय एन ईसीए ऑन कंप्यूटर और टेबलेट मोड। यानी पेपर कैसे लिया जाएगा? तो यह जोनल और यूनिट लेवल पे इसी के द्वारा है जो कि पेपर यहां पर कंडक्ट कराया जाएगा। जैसे मान लेते हैं कि नॉर्दन रेलवे में कुछ वैकेंसी निकली स्टेशन मास्टर की। तो नॉर्दन रेलवे रेलवे के अंतर्गत ही यहां पे उसी ज़ोन में या फिर उसी यूनिट में किसी डिवीज़न में निकलता है। तो वहां पे इसी के माध्यम से सीबीटी के माध्यम से कंप्यूटर पे पेपर ले लिया जाएगा। द क्वेश्चन पेपर सेटर वुड बी वन ऑफ द थ्री मेंबर्स ऑफ द एप्रोप्रियेट सिलेक्शन कमिटी एज प्रोवाइडेड फॉर द एक्सटेंट रूल्स एट द जोनल यूनिट लेवल।
अब यहां पे देखिए बोला गया है कि क्वेश्चन पेपर सेट कौन करेगा? क्या ईसीए करेगा या रेलवे करेगा? तो यहां पे दोस्तों बात साफ-साफ आ गई है कि क्वेश्चन पेपर सेटर वुड बी वन ऑफ द थ्री मेंबर्स। यानी कि तीन मेंबर बनाए गए हैं क्वेश्चन पेपर सेट करने के लिए। उसमें से एक मेंबर कौन रहेंगे? उस जोन के जो कोई हेड होंगे वो या फिर यूनिट लेवल के कोई अधिकारी होंगे वो रहेंगे। ठीक है? यानी अगर रेलवे बोलती है कि एक मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे से हम लोग भेजते हैं आदमी। एक कहीं और दूसरे जगह से भेजते हैं। लेकिन नॉर्दर्न रेलवे में अगर कोई पेपर की भर्ती हो रही है जीडीसी एलडीसी में तो नॉर्दन रेलवे से भी एक अधिकारी यहां पे होगा इस कमिटी में और तब जाकर के क्वेश्चन सेट होगा। दोस्तों अब यहां पे एक सवाल उठता है कि क्या ये जो प्रोसेस है ये क्वेश्चन सेट करने का क्या इससे धांधली क्या रुकेगी? अगर यहां पे क्वेश्चन पेपर की ही तो सबसे बड़ी बात होती है कि क्वेश्चन पेपर आखिर सेट कौन कर रहा है और कहां से लीक होती है चीजें? तो देखा गया है पहले के केसेस में कि काफी ऊपर लेवल से दोस्तों ये सारी चीजें फिक्स होती है। सेटिंग होती है। नहीं तो जनरल मैनेजर चेयरमैन जेल क्यों जाते हैं? क्यों पकड़े जाते हैं? जब वो लोग नहीं लिप्त रहते ये सारी चीटिंग में तो।
बट अभी भी क्या सॉल्यूशन मिल गया क्या? क्वेश्चन पेपर ही तो मेन है ना? तो क्वेश्चन पेपर में जिस जोन की वैकेंसी है यहां पे उस जोन के तो एक आदमी रहेंगे ही रहेंगे। जोन रेल्वे के यूनिट लेवल के। तो क्या गारंटी है कि ये क्वेश्चन को इधर-उधर ना करें। और इस अगर कुछ क्वेश्चन को इधर-उधर करते हैं, तो इसके लिए क्या नियमावली बनाए गए हैं कि जो पकड़े जाते हैं इन तीन में से पूरी तरह से स्वछंद आरआरबी को दे देना चाहिए था क्वेश्चन पेपर सेट करने का भी जिम्मा। आरआरबी तो है ही रेलवे रिकक्रूटमेंट बोर्ड भर्ती कराने के लिए। तो आरआरबी के जिम में दे देते। आरआरबी तो किसी जोन का ये सब होता नहीं है। पूरा अपना कराती है अलग ही डिपार्टमेंट है। वह वर्किंग प्रोसेस है जोनल से।
ठीक है? क्योंकि रिक्रूटमेंट बोर्ड है यह। तो, मुझे लगता है कि इसके हाथों देना जिम्मेवारी ज़्यादा सही था। ना कि यहां पर तीन लोगों की एक कमेटी बना करके और एक कमेटी उसी जोन के आदमी को दे दो। तो भाई इसमें तो मुझे लगता है कि चांसेस अभी भी रहेंगे चीटिंग के पेपर लीक के क्योंकि ये कोई सॉल्यूशन नहीं हुआ कि पूरी तरह से धांधली मुक्त हो जाएगा जब उसी जोन के कोई अधिकारी यहां पे है तो। बट ये भी नहीं कह सकते हैं कि वो चोर ही निकलेंगे चाहे कुछ इस तरह की चीजें करेंगे। बट पॉसिबिलिटीस तो है ना। यही चीजें तो होती आ रही है और रेलवे में तो जीडीसी एलडीसी भर्ती में काफी सालों से ऐसे होते आ रही है। काफी कंप्लेंटस आते रहते हैं। तो ये चीजें हैं ये चीजें सुधार करनी चाहिए थी जोकि अभी भी वही मुझे लगता है कि पुराने रूल से ही रह गया।
बाकी आगे देखिए। द क्वेश्चन पेपर ऑब्जेक्शन ट्रैकर एंड रिजल्ट बी अरेंज्ड बाय द एग्जामिनेशन कंडक्टिंग एजेंसी। यानी जो टीसीएस जैसे आंसर की जारी करती है जो यहां पे ऑब्जेक्शन करने का होता है वो प्रोसेस सब ईसीए कराएगी।
ठीक है? अब टीसीएस ही रहेगी इसकी गारंटी नहीं है। कोई भी रह सकता है एजेंसी में। द इंपैनलमेंट टू बी डन बाय द सिलेक्शन कमिटी फॉर्म्ड एट द यूनिट विद द अप्रूवल ऑफ द कंपेटेंट अथॉरिटी। पैनल फाइनल जो पैनल आता है किन-किनका सिलेक्शन हुआ है। ये भी दोस्तों सिलेक्शन कमिटी ही तय करेगी जो कुछ कमिटी बनी रहेगी और उसमें से एक जोन के भी आदमी रहेंगे। ठीक है? द नोडल ऑफिसर फॉर कोऑर्डिनेशन बिटवीन एग्जामिनेशन कंडक्टिंग एजेंसी एंड द एडमिनिस्ट्रेशन बाय सीनियर डीपीओ चेयरमैन आरआरसी इन द जोन एंड डिप्टी सीपीओ एसपीओ इन ए प्रोडक्शन यूनिट यानी जो नोडल ऑफिसर
होंगे वो कंडक्टिंग एजेंसी जो होंगे उनके बीच में और सीनियर डीपीओ चेयरमैन आरआरसी के होंगे उनके बीच में यहां पे समन्वय बैठाएंगे और तब जाके पूरा का पूरा पेपर है जो कि नए सिरे से कंडक्ट कराया जाएगा। ये फ्लो चार्ट है जो कि यहां पे एक जारी कर दिया गया है और इसी फ्लो चार्ट के अंतर्गत है जो कि पेपर आगे की कराएंगे जितनी भी भर्तियां रेलवे में होंगी स्पेशल प्रमोशनल कोटा एलडीसी जीडीसी उन सब में इसी प्रोसेस से यहां पे चलेगा जिसमें देख लीजिए यह रहा फ्लो चार्ट ठीक है तो सबसे पहले ध्यान दीजिएगा पहले क्या होगा इंगेजमेंट ऑफ ईसीए बाय द आरआरबी यानी आरआरबी का काम रहेगा कि एक एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी का चयन कर ले ठीक है आरआरबी ने अपना काम कर दिया आरआरबी को फिर धक्के मार दो क्योंकि इनका कोई काम ही नहीं दिया है सिर्फ चयन चयन करने से क्या हो जाता है?
क्या कोई गारंटी ले लिया क्या आरआरबी ने? कि जो ईसीए का इन्होंने चयन किया वो अच्छी तरह से पेपर कराएंगे। जो कमेटी का गठन रेलवे ने किया जिस जोन के आदमी है और भी कुछ दो कम दो लोग और कौन है? उसका अब जिक्र नहीं किया गया कि वो कौन रहेंगे। ठीक है? हो सकता है कि एक ही ज़ोन के तीनों लोग रहें। तो फिर तो मामला वही है कि जोन के हाथों में ही दे दिए हो। तो ये क्लेरिटी नहीं है यहां पे कि तीन लोग में से रहेंगे कौन? एक तो जोन का रहेगा बाकी दो कौन रहेंगे।
ठीक है? तो यहां भी हो सकती है कुछ ऐसी गड़बड़ी करनी हो तो ईसीए भी कर सकती है। ईसीए भी कई बार करती है ना पकड़ी जाती है कि पेपर लीक करवा दिया ये करा दिया वो करा दिया इतने पैसे में। तो आरआरबी को ही जिम्मा देना चाहिए था जबकि आरआरबी को साइड लाइन कर दिया गया सिर्फ एग्जाम कंडक्टिव एजेंसी चूज करके। इसके बाद देखिए ऑन रिसीप्ट ऑफ ईसीएंगेजमेंट फ्रॉम आरआरबी द रेल्वेज टू डिसाइड टू होल्ड सीबीटी एट यूनिट लेवल और जोनल रेलवे डिपेंडिंग ऑन द लोकल कंडीशंस और एट ईसीए कैपेबिलिटी। यानी एक बार जब ईसीए का चयन हो जाएगा तो उस ज़ोन के अंतर्गत जहां पे भर्ती जीडीसी एलडीसी की निकली वहां पे ये पेपर कंडक्ट कराएंगे सीबीटी मोड में। वही एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी। इसके बाद यहां पे दो स्ट्रक्चर बन जाता है। पहला इन केस ऑफ द सीबीटी आर डिसाइडेड टू बी हेल्ड एट द जोनल लेवल चेयरमैन आरआरसी इन रेलवे एंड डिप्टी सीपीओ एसपीओ इन प्रोडक्शन यूनिट टू बी नॉमिनेटेड एस नोडल ऑफिसर टू कोऑर्डिनेट बिटवीन ईसीए एंड एडमिनिस्ट्रेशन।
अगर जोनल रेलवे के अंतर्गत पेपर हो रहा है जैसे नॉर्दन रेलवे की भर्ती निकली नॉर्दन रेलवे के सारे डिवीजन जो है सब लोगों का पेपर हो रहा है ठीक है कोई जीडीसी भर्ती में तो ऐसे केस में जो सीनियर डीपीओ होंगे वो यहां पे इसके हेड या फिर चेयरमैन जो है हेड बनाए जाएंगे और यही कोऑर्डिनेट करेंगे आपका जो ईसीए और एग्जामिनेशन आरआरबी को रिप्रेजेंट करेंगे ठीक है और इनके ही हाथों समझिए कि पूरा स्ट्रक्चर होगा पेपर कंडक्ट कराने का जिम्मा एक तरह से लेकिन इन केस सीबीटी आर डिसाइडेड टू बी हेल्ड एट द यूनिट लेवल अगर यूनिट लेवल पे यानी डिवीज़न लेवल पे होगा
जैसे कि नॉर्दर्न रेलवे में आपका आपका कौन-कौन सा डिवीज़न आता है? एक तो आपका लखनऊ डिवीज़न आ गया।
एक तो आ गया अंबाला डिवीज़न एक आ गया फिरोजपुर डिवीज़न। ऐसे करके डिवीज़न है। अह दिल्ली डिवीज़न ये सब है। तो, अगर मान लेते हैं कि यहां पे फिरोजपुर डिवीज़न के अंतर्गत कोई भर्ती चल रही है, तो यह आपका यूनिट लेवल पे हो गया या फिर डिवीज़न लेवल पे हो गया। ऐसे अगर पेपर होता है एक डिवीज़न के अंतर्गत एलडीसी वाले माध्यम से। हेडल्ड एट यूनिट लेवल सीनियर डीपीओ अह ऑफ़ द डिवीज़न इन द रेलवे फॉर ऑल यूनिट अह कंसर्न डिवीज़न इन टेरिटोरियल जुरिडिक्शन टू बी नॉमिनेटेड एज़ द नोडल ऑफिसर ऑफ कोऑर्डिनेटिंग बिटवीन द ईसीए एंड एडमिनिस्ट्रेशन। तो ऐसे केस में जो उस जोन के सीनियर डीपीओ होंगे उनको यहां पे हेड बनाया जाएगा सारा कुछ प्रोसेस करवाने का। तो फिर तो वही चीजें है ना कि जैसे पहले करा रहे थे जीडीसी, एलडीसीई वही लोग हेड हैं, वही लोग करा रहे हैं।
बस चेंज ये हो गया कि अब एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी के थ्रू होगा और ये चूज़ करेगी आरआरबी। बाकी तो वही सारी चीजें हैं। ठीक है? अब कितना सही तरीक़े से करा पाते हैं, कितना धांधली मुक्त करा पाते हैं? वो तो फ्यूचर में देखने वाली बात होगी। इसके बाद अगर इस प्रोसेस से चलते हैं जोनल लेवल पे तो एक प्रोसेस आता है द क्वेश्चन पेपर सेटर हु वुड बी वन ऑफ द थ्री मेंबर्स ऑफ द एप्रोप्रियट सिलेक्शन कमिटी टू बी नॉमिनेटेड बाय द कंपटेंट अथॉरिटी एज पर एक्सटेंट रूल्स एट द जोनल रेलवे यानी कि एक लोग उसी जोन के जो होंगे उसको क्वेश्चन पेपर सेटर के तौर पर रखा जाएगा और बाकी अलग लोग होंगे कुछ दो लोग।
ठीक है? अगर इस लेवल पे पेपर कराते हैं डिवीज़न लेवल पे, द क्वेश्चन पेपर सेटर वुड बी वन ऑफ़ द थ्री मेंबर्स ऑफ़ एन एप्रोप्रियेट सिलेक्शन कमिटी। यहां भी इसी तरह से है। क्योंकि अपने डिवीज़न के ही एक आदमी है जो क्वेश्चन सेटर यहां पे रहेंगे। अब बताइए कि उस वो लोग यहां पे अगर पैसे लेके कुछ इधर-उधर कर दिए क्वेश्चन का दो चार लोग को भी भेज दिए तो क्या होगा? फिर तो धांधली हो गई ना? और नहीं किए तब तो सही रहेगा। इसके बाद देखिए यहां पे ये चीजें आगे बढ़ती है। द सीबीटी टू बी कंडक्टेड थ्रू ईसीए एट द जोनल लेवल बाय द नोडल ऑफिसर। ठीक है? तो जो यहां पे सीबीटी है जो कि ईसीए के थ्रू कंडक्ट किया जाएगा जोनल लेवल पे। और यहां पे सीबीटी टू बी कंडक्टेड थ्रू ईसीए एट द यूनिट लेवल बाय द नोडल ऑफिसर।
देखिए दोस्तों यहां पे ये जो नया रूल है इसके यहां पे ज्यादातर तो अभी पॉजिटिव चीज ही देखने को मिल रहा है। बट एक पॉसिबिलिटी होती है कि इसमें इंटरनली अच्छे से देखा जाए तो बहुत कुछ चेंज नहीं किया है रेलवे ने। वही चीजें जैसे है वो चीजें चल रही है। हालांकि कुछ-कुछ चेंजेस है। पहले काफी लोग इन्वॉल्व रहते थे ये सारी चीजों में। अब बहुत लिमिटेड लोगों को यहां पे दे दिया है। जैसे अपने जोन के सिर्फ एक आदमी रहेंगे। अगर कुछ क्वेश्चन पेपर इधर-उधर जाता है तो सीधे इनके गिरेबान को पकड़ा जाएगा। क्योंकि अगर चार पांच लोग को आप करोगे तो वहां पे बड़ा दिक्कत होता है पकड़ने में कि आखिर किसने लीक किया, क्या किया? बट, यहां पे एक चीज़ मुझे अच्छी लगी कि एक लोग को ही क्वेश्चन पेपर सेंटर में भागीदारी बनाया जा रहा है।
मुख्य बिंदु | विवरण |
---|---|
भर्ती प्रक्रिया में बदलाव | अब जीडीसीई, एलडीसीई और प्रमोशनल कोटे की भर्तियां नए नियमों के तहत होंगी। |
CBT अनिवार्य | सभी विभागीय परीक्षाएं अब कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) से होंगी। |
एग्जाम कौन कराएगा? | अब पेपर RRB द्वारा चुनी गई एजेंसी कराएगी, ना कि जोनल रेलवे। |
पेपर लीक कैसे रुकेगा? | प्रश्नपत्र तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा बनाया जाएगा जो गोपनीयता बनाए रखेगी। |
RRB की भूमिका | RRB अब केवल एग्जाम एजेंसी चुनेगा, पेपर सेटिंग में शामिल नहीं रहेगा। |
रिजल्ट और ऑब्जेक्शन | ईसीए आंसर की, ऑब्जेक्शन ट्रैकर और रिजल्ट जारी करेगी। |
नोडल ऑफिसर कौन? | सीनियर DPO और RRC चेयरमैन नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे। |
CBT कहां होगा? | CBT अब यूनिट या जोन स्तर पर एजेंसी द्वारा कराया जाएगा। |
अगर कुछ इस तरह से बाहर लीक हो जाती है सामने आ जाती है कि भाई, क्वेश्चन तो लीक हो गया पूरी तरह से, तो इनको पकड़ा जाएगा कि आखिर हुआ क्यों? कैसे लीक हुआ? क्योंकि आपके हाथों था ना यह सारा प्रोसेस। तो, यह चीजें मुझे अच्छी लगी कि इस तरह से प्रोसेस चलेगा। तो कहीं ना कहीं जो चीटिंग के मामले हैं ना उसमें बहुत ज्यादा कमी आएगी। 100% श्योरिटी मैं भी नहीं दे सकता। कोई भी नहीं दे सकता फ्रेंड्स क्योंकि किसी को पता नहीं है कब क्या हो जाए। भाई इतने कड़े व्यवस्था से भी पेपर लिया जाता है तब भी कहीं ना कहीं से लीक हो जाती है। कहीं ना कहीं कुछ हो जाता है। इतना प्रोसेस से चलता है पेपर कि कहीं ईसीए भी चीटिंग करवा दी। कभी नोडल एजेंसी करा दी। कहीं आरआरबी के ही मिले हुए हैं। तो क्या ही कहा जा सकता है। लेकिन पॉजिटिव है। खुशखबरी है खास करके जीडीसी, एलडीसी स्पेशल प्रमोशनल कोटा से जो जाना चाहते हैं, उनके लिए कि चलो अब सबको पैसे देने की जरूरत नहीं है। जो पहले बना हुआ था एक मिथ कि चलो भाई पैसे ही देने हैं तभी नौकरी लगेगी। अब मेरिटोरियस छात्र भी जा सकते हैं। अगर सही तरीके से इसका इंप्लीमेंटेशन कर पाए तब। नहीं कर पाए तो फिर ऑन द पेपर रह जाएगा ये चीजें। और बाकी जैसे चल रहा है वो तो चल ही रहा है आपको पता भी है। ये सारा प्रोसेस होने के बाद द क्वेश्चन पेपर ट्रैकर रिजल्ट है जो कि ईसीए जारी कर देगा आंसर की और ऑब्जेक्शन ऐज का इसके बाद इंपैनलमेंट टू बी डन बाय सिलेक्शन कमिटी और एक सिलेक्शन कमिटी बनेगी वही इंपैनल करेगी कि कितने-कितने छात्र का फाइनल सिलेक्शन हुआ मेरिट बनाएगी।
तो ये प्रोसेस से अब आपका चलेगा और पूरा का पूरा स्ट्रक्चर है जो कि प्रमोशनल कोटा जीडीसी एलडीसी सबका बदल गया है और इसी प्रोसेस से चलेंगे। तो खुशखबरी तो है छात्र के लिए जो खास करके यहां पर जीडीसी एलडीसी के माध्यम से मेरिटोरियस बंदे हैं जो अच्छे पोजीशन पर जाना चाहते हैं उनके लिए बहुत अच्छी खबर है बट इसको रेलवे इंप्लीमेंट कर पाए ठीक से तभी वरना देखिए 2022 में भी ऐसा रूल निकाले थे ना वो तो और कड़ा रूल था कि सारा पेपर आरआरबी कंडक्ट कराएगी जीडीसीई की एलडीसी की इससे बड़ा क्या हो सकता है फ्रेंड्स बहुत बड़ी राहत थी रेलवे ने दी थी छात्रों को कि अब आरआरबी के थ्रू होगा कोई चीटिंग नहीं होगा इतना धांधली नहीं होगा क्या रेलवे के ही कुछ अधिकारी या फिर कह ले कि एग्जाम कंडक्टिंग एजेंसी के मिलीभगत से पहले दिन का ही पेपर हुआ एएलपी जीडीसी वाली और पूरा का पूरा पेपर कैंसिल हो गया और बाद में पूरा होल्ड पे रहा एक साल तक और बाद में रेलवे क्या डिसाइड करती है कि अब जैसे चल रहा था वैसे ही चलेगा आरआरसी अपनी मर्जी से पेपर कंडक्ट कराया सबको अपने हाथों में पावर दे दिया तो कहां कुछ नियम काम किया इतना कड़े से इतना कमिटी बैठा था आरआरबी पेपर कंडक्ट कराएगा आरआरबी सारा पैनल तैयार करेगा हर चीज आरआरबी के हाथों दे दिया गया था तब भी ये चीजें हो गई है तो अब तो भाई आरआरबी के हाथ है सिर्फ ईसीए का चयन करना है।
बाकी सारा प्रोसेस तो वही आरआरसी और बाकी वही सारी कमिटी और ईसीए ही करेगी। तो इसमें भी कुछ ना कुछ हो ही सकता है। अब देखिए क्या होता है आगे फ्यूचर की बात है। लेकिन ये नया स्ट्रक्चर है जो कि जारी हुआ है। इससे कितना संतुष्ट आप लोग हैं। क्या धांधली पूरी तरह से रुक पाएगी? या फिर कोई और कड़ा एक्शन या फिर कोई और कड़ा यहां पर रुख अपनाना चाहिए था। मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे को इसके ऊपर आप लोग भी कमेंट सेक्शन में बताइएगा जो आपके विचार है।