UPSC Prelims 2025
हेलो एवरीवन। इस बार एक्सपेक्टेड कट ऑफ कितनी जाएगी? वी विल एनालाइज़ इट। तो देखो अगर आप पेपर को एनालाइज़ करें जो प्रीलिम्स का जीएस पेपर अभी हुआ है। तो आप देखें दिस इज़ द वेटेज ऑफ़ सब्जेक्ट्स इन द एग्जाम। राइट?
पिटी की वेटेज कंपैरेटिवली पिछले साल के कम हुई है। लेकिन आप इकॉनमी देखें तो सिमिलर रही है। अ ज्योग्राफी ऑलमोस्ट सिमिलर रहा है। इवन एनवायरमेंट एंड करंट अफेयर्स की वेटेज ऑलमोस्ट सेम रही है। लेकिन जो अच्छी बात है बात है वो ये है कि मॉडर्न हिस्ट्री इस बार बढ़ा दिया गया है। ऑब्वियसली जो पिटी के क्वेश्चंस कम करे हैं वो मॉडर्न हिस्ट्री में उन्होंने इंक्रीस कर दिए। तो दिस इज़ द सब्जेक्ट वेटेज दैट इज़ देयर।
Subject | Number of Questions | Difficulty Level | Remarks |
---|---|---|---|
Polity | 14 | Moderate | Concept-based, fewer than last year |
Economy | 13 | Moderate | Conceptual questions from expected topics |
Geography | 12 | Moderate | Assertion-Reason type, slightly tricky |
Environment | 11 | Tough | Heavily current-based with factual depth |
Modern History | 8 | Easy | 6 out of 8 were direct and scoring |
Ancient & Medieval History | 6 | Easy | Not tough as per recent trends |
Science & Tech | 7 | Tough | Dynamic and fact-heavy, less predictable |
IR (International Relations) | 4 | Tough | Highly factual, dynamic in nature |
Current Affairs | 15 | Tough | Very fact-based, hard to memorize |
Expected Cut-off (GS Paper Only):
Based on first reactions and comparative difficulty with last year, the expected cut-off is
between 82 to 86 marks. Final cut-off may vary depending on CSAT.
अब बात करते हैं इनके डिफिकल्टी लेवल का या क्वेश्चंस कैसे आए?
देखो पिटी की अगर आप बात करेंगे ऑलदो 14 क्वेश्चंस आए हैं जो कि कम हुए हैं लेकिन वो कांसेप्ट बेस्ड आए हैं। सेम गोज़ फॉर इकॉनमी। पिटी और इकॉनमी के ये जो 27 क्वेश्चंस हैं ये कॉनंसेप्ट बेस्ड आए हैं और उन्हीं टॉपिक्स से आए हैं जो फेवरेट टॉपिक्स हैं। जैसे लोकल बॉडीज हो गया, फिस्कल डेफिसिट, बैलेंस ऑफ पेमेंट्स वहीं से क्वेश्चंस आए हैं। लेकिन इस बार के पेपर में थोड़ा सा डिफिकल्टी लेवल अलग है। व्हाई? क्योंकि ये जो कांसेप्ट्स पूछे गए हैं जिसने डिटेल्ड रिवीजन करी है थरो रिवीजन की है वो ही कर पाएगा। मतलब अगर आपने ऊपर ऊपर से कांसेप्ट्स पढ़े हैं तो आप ये नहीं कर पाओगे। तो ये पिछले साल के पेपर से थोड़ा सा चेंज है कि ऑलदो कांसेप्ट्स तो पूछे गए हैं लेकिन जिसने डिटेल में उन्हें पढ़ा है वो ही इनको अच्छे से अटेम्प्ट कर पाएगा। सी उसके बाद ज्योग्राफी की बात करें। अगेन कंसेप्चुअल क्वेश्चंस आए हैं। लेकिन आप देखिए वो जो असरशन रीजन क्वेश्चंस हैं जिनमें तीन स्टेटमेंट्स होती हैं वो थोड़ी सी ट्रिकी होती हैं। उनकी जो नंबर्स हैं वो इस पेपर में बढ़ा दिए गए हैं जो एग्जाम को थोड़ा सा ट्रिकी कर रहा है।
मॉडर्न हिस्ट्री की सरप्राइजिंगली वेटेज बढ़ाई गई है और एट में से सिक्स क्वेश्चंस तो रफली ऐसे हैं जो आप डायरेक्टली कर सकते हैं। अगर किसी ने मॉडर्न हिस्ट्री को आई थिंक एक बार भी रिवाइज़ किया है तो दे विल बी एबल टू डू इट। एंड दिस इज़ गुड न्यूज़ फॉर एस्पिरेंट्स। राइट? तो ये जो हम मोस्टली कोर सब्जेक्ट्स बोलते हैं इनके कंसेप्चुअल बेस्ड क्वेश्चंस आए हैं। ऑलदो फैक्ट्स की वेटेज भी है लेकिन ज्यादातर कांसेप्ट बेस्ड क्वेश्चंस आए हैं इसके अंदर।
डायनेमिक पार्ट
आपका IR हो गया साइंस एंड टेक एनवायरमेंट और करंट अफेयर्स। अब यहां पे थोड़ा सा ट्रबल है। अगर आप देखें जितने क्वेश्चंस पूछे गए हैं डायनेमिक पार्ट से इसके अंदर करंट हैवी दिखा। ये फैक्ट्स बहुत ज्यादा पूछे हैं। और वो फैक्ट्स ऐसे नहीं है जो ईजीली आप याद भी रख सकते हो। सी कहने का क्या मतलब है? ये जो डायनामिक पोर्शन है ये टफ है। इसके अंदर जो फैक्ट्स पूछे गए हैं वो इतना इजी आप मेमोराइज नहीं कर सकते। ये पेपर को टफ वाली डिफिकल्टी लेवल पेपर की बढ़ा रहा है उसके अंदर।
एंशिएंट मिडीवल की वेटेज बढ़ी है और इजी क्वेश्चंस आए हैं। इतने टफ नहीं हैं एंशिएंट मिडीवल के जो हमने रीसेंट ट्रेंड्स देखे हैं आजकल। तो अगर आप प्रीलिम्स 2025 को सम अप करें तो जो कंसेप्चुअल टॉपिक्स हैं कॉनंसेप्चुअल सब्जेक्ट्स हैं वो प्रिडिक्टेबल उनसे क्वेश्चंस पूछे गए हैं। उन्हीं टॉपिक्स से पूछे गए हैं जो हमें ज्यादातर लगते हैं। लेकिन जिसने थर रिवीजन की है वही कर पाएगा। लेकिन जो डायनामिक पार्ट है उसमें से फैक्ट्स बहुत ज्यादा पूछ लिए गए हैं। इसलिए पेपर थोड़ा सा ट्रिकी हो जाता है। तो ऑल एंड ऑल अगर आप फर्स्ट रिएक्शन की बात करें और एग्जाम को एनालाइज करें तो एग्जाम पिछले साल के कंपैरिजन इन माय व्यू टफ है। पिछले साल के कंपैरिजन डेफिनेटली एग्जाम टफ है।
एक्सपेक्टेड कट ऑफ कितनी जानी चाहिए:
Expected Cut-off (GS Paper Only):
Based on first reactions and comparative difficulty with last year, the expected cut-off is between 82 to 86 marks. Factors like CSAT difficulty may further influence the final cut-off.
देखो ये इतना भी टफ नहीं है कि 75 तक कट ऑफ ले जाएगा और आई डोंट थिंक ये इतना ईजी है कि 87 तक ले जाएगा जितना पिछले साल का एग्जाम था। ऑब्वियसली सीसैट पे भी डिपेंड करेगा कि सीसैट ज्यादा टफ आता है तो कट ऑफ थोड़ी सी कम होने का स्कोप रहता है एंड वाइसवरसा। लेकिन अगर आप जीएस के पॉइंट ऑफ व्यू से देखें और इनिशियल रिएक्शन की बात करें पिछले साल के कंपैरिजन फैक्ट्स ज्यादा होने की वजह से कांसेप्ट्स डिटेल में पूछने की वजह से एग्जाम मॉडरेट टू टफ कैटेगरी में है और पिछले साल के कंपैरिजन एग्जाम टफ है। तो अगर आप एक्सपेक्टेड कट ऑफ की बात करें फ्रॉम माय पॉइंट ऑफ व्यू 87 से डेफिनेटली कम जानी चाहिए। एंड माय अजमशन इज़ एक्सपेक्टेड कट ऑफ 82 टू 86 की रेंज में रहनी चाहिए। दैट इज़ माय व्यू। अब देखिए एव्री ईयर आई टेल यू दिस एक्सपेक्टेड कट ऑफ और ये फर्स्ट रिएक्शन पे बेस्ड होता है। ऑब्वियसली जैसे-जैसे हम और स्टूडेंट से बात करते जाएंगे इस नंबर को एक-द दिन में और रिफाइन करके देंगे। बट मोर और लेस जो हमारा इनिशियल प्रेडिक्शन होता है उसी रेंज के अंदर रह जाता है। बिकॉज़ उस केस के अंदर आपको फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस या रिएक्शन मिलता है कि पेपर कैसा था। तो बिकॉज़ ऑफ एग्जाम बीइंग टफर देन द लास्ट ईयर आई थिंक कट ऑफ कम जानी चाहिए और 82 टू 86 की रेंज में रहनी चाहिए।
थैंक यू ऑल द वेरी बेस्ट।